प्रभु आये थे अयोध्या पूरा कर के अपना वनवास
उसी पावन प्रेम में झूम रहा अब तक ये जनवास
प्रभु के मंगलकारी वचन जीवन में उतारते जायें
नहीं भगवान् तो कम से कम इंसान हम बनते जायें
अपने अहम् को रख दें प्रभु चरणकमल के पास
प्रभु आये थे अयोध्या पूरा कर के अपना वनवास
क्या क्या कष्ट सहा परमेश्वर ने भक्तों को सुख देने हेतु
उत्थान किया लीलाओं से और बनाया प्रभु ने रामसेतु
प्यारे प्रभु श्रीराम का उपदेश है स्वयं वेदों का स्वास
प्रभु आये थे अयोध्या पूरा कर के अपना वनवास
सतयुग,त्रेता और द्वापर आज भी कहीं गए नहीं
जो राग-द्वेष से अपनी आत्मा को हम ढके नहीं
दीपावली का अर्थ है बस ह्रदय में उजाले का वास
प्रभु आये थे अयोध्या पूरा कर के अपना वनवास
ये उजाले यूँ ही मुस्कुराते रहे .....
ReplyDeleteशुभकामनाएं .....
Bahut Sunder Post.... Hardik Shubhkamnayen
ReplyDeleteVery well written.
ReplyDeleteWish you and family a very Happy Diwali.
बेहद सुन्दर प्रस्तुति । मन को सुकून देने वाली।
ReplyDeleteशुभ दीपावली।
वाह ...बहुत ही बढि़या ...
ReplyDeleteकल 26/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, दीपोत्सव की अनन्त शुभकामनाएं .
धन्यवाद!
दीपावली का अर्थ है बस हृदय में उजाले का वास।
ReplyDeleteबहुत सुंदर संदेश।
दीपावली की हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं।
मित्रों, परिजनों के साथ आपको भी पर्व की मंगलकामनायें!
ReplyDeleteतमसो मा ज्योतिर्गमय!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये............
ReplyDeleteप्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ..मेरी और से भी बधाहिया सवीकार कीजिये
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteसादर
ज्योतिपर्व की मंगलकामनाएं!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति…………दीप मोहब्बत का जलाओ तो कोई बात बने
ReplyDeleteनफ़रतों को दिल से मिटाओ तो कोई बात बने
हर चेहरे पर तबस्सुम खिलाओ तो कोई बात बने
हर पेट मे अनाज पहुँचाओ तो कोई बात बने
भ्रष्टाचार आतंक से आज़ाद कराओ तो कोई बात बने
प्रेम सौहार्द भरा हिन्दुस्तान फिर से बनाओ तो कोई बात बने
इस दीवाली प्रीत के दीप जलाओ तो कोई बात बने
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteशुभ दीपावली!
दीपावली पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
ReplyDeleteआशा
बहुत सुन्दर....दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना।
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत सुन्दर रचना ... दीपावली की शुभकामनायें
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
बहुत अच्छी रचना ....राम चरित्र का वर्णन बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...ब्लॉग पर आने हेतु आभार|
ReplyDeleteसुन्दर भाव.
ReplyDeleteकुछ अनूठा सा ब्लॉग लगा..रचना अच्छी है साथ दिए चित्र मनभावन हैं
ReplyDeleteheart touching kavita.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ... दीपावली की शुभकामनायें
ReplyDeleteबिना बनवास और त्याग के समृद्धि का सुख कहाँ ?
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता |
ReplyDeleteराम जी के वर्णन मन को कितना आनंद देते हैं !! - और भक्तिबहाव से परिपूर्ण हो कर लिखी कवितायेँ और भी :)
आपका बहुत आभार | दीपावली की बधाईयाँ :)
@ arvind sir - sir - shri ram ka ek paavan naam hai - sacchidaanand - arthaat - sat+chit+aanand = He is beyond "tyag" "samruddhi" , "sukh" etc ... :)
बहुत सुन्दर रचना|
ReplyDeleteआपको तथा आपके परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं!!!!
bahoot hi sunadar kavita hai..jai sri ram............
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