Thursday, 9 August 2012

सामाजिक चेतना 2

आजकल देश में टीम अन्ना और बाबा रामदेव जी द्वारा उठाये गए मुद्दों से ज्यादा इन दोनों  शक्सियत  और इनके  विरोधभासों पर  बात  हो  रही  है । 
मुझे इस बात में कोई सार नज़र नहीं आता की मुद्दों से ज्यादा हम मुद्दे उठाने वालों पर ही बात प्रारंभ कर दें ।
ऐसा क्यूँ किया जाता है ?
कौन लोग ऐसा करते हैं ?
आखिर सरकार या अन्य राजनीतिक पार्टियाँ देश को अपने कार्यकाल का १० प्रतिशत भी क्यूँ नहीं दे पातीं ?
आखिर मुद्दों पर ध्यान देने से मीडिया भी क्यूँ बचता है ?

इन सब बातों में हमारे अथार्त जनता के पड़ने का मतलब यही हुआ की हम भी मुद्दों से भटक रहे हैं ।


जन लोकपाल और काला धन दोनों ही मुद्दों पर सरकार को न सिर्फ सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए बल्कि देश की जनता की आवाज़ को आदर देते हुए व्यापक ज़रूरी कदम भी उठाने चाहिए।


निश्चित रूप से उपरोक्त दो मुद्दे सबसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों में से है क्यूंकि ये ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज जनमानस सबसे अधिक त्रस्त है ।

लेकिन इसके साथ साथ ये भी बहुत महत्वपूर्ण है की बाकी समस्यायों को भी हम ध्यान में रखें ।

आज जो गंभीर समस्याएं देश के सामने खड़ी हैं वो विभिन्न प्रकार की हैं व उनके भी अलग अलग विभाग हैं । मोटे तौर पर वे समस्याएं हैं 


भ्रष्टाचार

घोटालेबाजी
सरकार द्वारा
भ्रष्टाचार की जांच न कराना
आतंकवाद
मंहगाई
अशिक्षा
बेरोज़गारी
गरीबी
लघु उद्योगों का पतन
बाल-मजदूरी

वैश्यावृत्ति
गुंडा-गर्दी
भुकमरी 
तानाशाही
बाढ़
सूखा
नक्सलवाद
जातिवाद
क्षेत्रवाद
नस्लवाद
चोरी/डकैती

बलात्कार
क़त्ल
अपहरण
हिंसा
धर्मवाद 

जनसँख्या 
प्रवासी समस्या 
नकली नोट 
भाषा की समस्या (राष्ट्रीय भाषा की उपेक्षा व अंग्रेजी का आधिपत्य) 
पर्यावरण की समस्याएं
भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था
चुनाव सम्बन्धी समस्याएं (मत पहचान पत्र आदि )
जनता में डर व्याप्त होना
जनता तक सरकारी योजानाओं की जानकारी न पहुंचना
संसद द्वारा ज़रूरी मुद्दों पर चर्चा न किया जाना
संसद द्वारा ज़रूरी विधेयक/बिल पारित न करना
नेताओं का जनता की तरफ संवेदनशील रुख न होना
मीडिया का भी व्यापारीकरण होना
सरकार द्वारा मीडिया के काम में दखल
मीडिया द्वारा अपना कार्य सही तरह से न निभाना

ये ऐसे मुद्दे हैं जिनसे आज देश व समाज चौतरफा घिरा हुआ है और इनसे निपटने का कोई सार्थक कदम सरकार द्वारा नहीं उठाया गया है ।

इनमे से कई समस्याएं इस सरकार से भी पहले से हैं यानी बीसों सालों से लेकिन ये मुद्दे ऐसे ही बने हुए हैं । इसमें सबसे बड़ा कारण देश की जनता में जागरूकता और एकजुटता की कमी मुझे लगती है जिसके कारण भ्रष्ट लोग सत्ता पाते हैं व मनमानी करते हैं । 

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